आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि अधिकांश सभी के घर की बालकनी में धूप आती है। ऐसी स्थिति में बालकनी में सब्जियां उगाना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। इससे आपके घर में सदैव हरियाली बनी रहेगी। पैसे बचेंगे एवं शुद्ध सब्जियां आपको अपने घर में मिल जाएंगी। किचन गार्डनिंग के दौरान इस बात का विशेष ख्याल रखें कि सब्जियों के पौधों की रोपाई बड़े गमलों में की जाए, जिससे जड़ों को फैलने का पर्याप्त अवसर मिलता है।
बतादें कि इसके अतिरिक्त बड़े गमले में पौधे मजबूत बनेंगे और पौधों में फल भी अच्छी मात्रा में आएंगे। विशेषज्ञ कहते हैं, कि किचन गार्डनिंग में भी मौसम का ध्यान रखना काफी आवश्यक है। बिना मौसम के लगाई गई सब्जियों से फल हांसिल कर पाना काफी मुश्किल होता है। बालकनी में खेती कर आप महीने के हजारों रुपये आसानी से बचा सकते हैं। आप स्वयं ही घर में टमाटर, भिन्डी, धनिया और मिर्च उगाकर उपयोग में ले सकते हैं। किसानों को रसोई बागवानी के विषय में जानकारी होनी काफी आवश्यक है। क्योंकि किचन गार्डनिंग के दौरान थोड़ा बहुत मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। किसानों को बेहद आरंभिक तोर पर किचन गार्डनिंग का उपयोग करना चाहिए। मौसम की वजह से किसानों को टमाटर की काफी अधिक कीमत चुकानी पड़ी।
वर्टिकल फार्मिंग प्रणाली बेहद संभावनाएं प्रदान करती है। जैसे कि चुनौतियों को कम करना, वितरण और संचार को बेहतर करने में मदद करना। वाणिज्यिक एवं शहरी क्षेत्रों में खेती की नवीन संभावित जगहों को इस्तेमाल में लाने लायक बनाती है। साथ ही, पौधों की उन्नति और उत्पादन में भी काफी सुधार लाती है। इसके अलावा, इस प्रणाली में खाद्य सुरक्षा और पर्यावरणीय संतुलन को स्थिर बनाए रखने की संभावना भी रहती है।
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वर्टिकल यानी लंबवत खेती के प्रमुख लाभ
तकरीबन तीन से पांच गुना ज्यादा उत्पादन
कम समय में ज्यादा उत्पादन
कम जगह पर ज्यादा उत्पादन
पेशेवर संचालन और नियंत्रण
वर्षभर उत्पादन
पेशेवर संवर्धन एवं नकदी प्रवाह
बारिश, मौसम एवं भूमिगत समस्याओं से छुटकारा
पर्यावरणीय संतुलन को नियंत्रित रखना
वर्टिकल फार्मिंग यानी लंबवत खेती का महत्त्व
वित्तीय व्यवहार्यता
वर्टिकल फार्मिंग में लगने वाली प्रारंभिक पूंजी लागत सामान्यतः ज्यादा होती है। परंतु, संपूर्ण फसल उत्पादन की परिकल्पना जरूरत के मुताबिक सही ढंग से की जाए तो यह प्रक्रिया पूर्णतः लाभ प्रदान करने वाली बन जाती है। पूरे वर्ष या किसी विशिष्ट अवधि के दौरान एक विशेष फसल को ऊर्ध्वाधर खेती के माध्यम से उगाने, उसकी कटाई करने तथा उत्पादन करने से वित्तीय तौर पर व्यवहार्यता हो सकती है।
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ज्यादा जल कुशल
पारंपरिक कृषि पद्धतियों के जरिए से उत्पादित की जाने वाली फसलों की तुलना में वर्टिकल फार्मिंग (Vertical farming) विधि के जरिए से उगाई जाने वाली समस्त फसलें आमतौर पर 95% प्रतिशत से ज्यादा जल कुशल होती हैं।
जल की बचत
वर्टिकल फार्मिंग (Vertical farming) से किसान काफी हद तक जल की खपत को कम कर सकते हैं। क्योंकि वर्टिकल फार्मिंग (Vertical farming) के अंतर्गत उपयोग होने वाली तकनीकों के माध्यम से कम जल उपयोग से अच्छी-खासी पैदावार ली जा सकती है।
बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य व सेहत
बतादें, कि ज्यादातर फसलें "कीटनाशकों के उपयोग के बिना" उगाई जाती हैं। जो कि "समय के साथ-साथ बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य की दिशा में सकारात्मक योगदान" प्रदान करता है। इसी वजह से उपभोक्ता शून्य-कीटनाशक उत्पादन की आशा कर सकते हैं, जो घर के लिये स्वस्थ, ताज़ा और टिकाऊ भी है।
रोजगार के अवसर
आखिर में इस बात पर बल देना काफी आवश्यक है, कि संरक्षित खेती के अंदर हमारे देश के कृषि छात्रों के लिये नए रोज़गार, कौशल सेट एवं आर्थिक अवसर उत्पन्न करने की क्षमता है। जो सीखने की अवस्था के अनुरूप होने के साथ तीव्रता से आगे बढ़ने में सक्षम है।